जन गुहार !
मंगलवार, 15 जुलाई 2014
मधुकर सिंह को सलाम
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ठीक-ठीक याद नहीं कि पहली बार मधुकर सिंह से कब मिला था। शायद वह 1983 या 84 का साल था और मैं अभी-अभी कॉलेज में गया था। उस समय हम नये रचनाका...
गुरुवार, 19 जून 2014
विचार ही बदलते हैं दुनिया को
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अभी हाल में एक वरिष्ठ पत्रकार का इंटरव्यू पढ़ रहा था। इसमें उन्होंने कहा है कि अब विचारों से दुनिया नहीं बदलती है। अब तकनीक ही है जो दुनिया ...
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गुरुवार, 27 मार्च 2014
एक-एक कर ढ़ह गये बिहार में वामपंथियों के गढ़
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कमलेश वामपंथियों के प्रिय कवि मुक्तिबोध की कविता है- तोड़ने ही होंगे गढ़ और मठ पुराने सभी, उठाने ही होंगे अभिव्यक्ति के खतरे तमाम। बिहार मे...
रविवार, 17 नवंबर 2013
मीडिया की साख और थ्योरी ऑफ एजेंडा सेटिंग
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कमलेश पिछले तीन दिनों से अखबार और टीवी न्यूज चैनल लगातार केवल और केवल सचिन राग आलाप रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानो देश में पिछले तीन दिनों से...
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गुरुवार, 14 नवंबर 2013
कौन बचायेगा- हरिजन?
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कमलेश आप उन्हें संघी कह सकते हैं। उन्हें कोई एतराज भी नहीं था। कई बार वे खुद भी कहते थे। अपने कॉलम में भाजपा की चर्चा करते हुए वे जैसे अघा...
शनिवार, 9 नवंबर 2013
जनता का लड़ाकू चेहरा थे चंदेश्वरी दा
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चंदेश्वरी प्रसाद सिंह, चंदेश्वरी दा, सीपी सिंह। एटक के अध्यक्ष, भाकपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य और सीपीआई की सेना जनसेवा दल के सेनानायक।...
रविवार, 9 जून 2013
जीवित हैं साथी हंसराज के सपने
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कमलेश हंसराज नहीं रहे। एक साल पहले उनका निधन हो गया- और यह खबर मुझे तब मिली जब मैंने बिहार नौजवान सभा के एक पुराने कार्यकर्ता कामेश्वर भाई ...
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